
निष्ठावान चरित्र है जिनका, साहस संबल मन में है।
प्रेम शांति सौहार्द्र मनुजता, मिला जिन्हें जीवन में है।
आज प्रेममय गंग धार बन, सारे सुख-दुख सहते हैं।
कवि रूपेंद्र जी और मोनिका, सबके मन में रहते हैं।
!!१!!
मानवता का काम करे जो, निज निष्ठा की बोली में।
इनकी बातों में जितनी बल, ना बंदुक की गोली में।
झूठ कपट से दूर रहे नित, शुभ नियमों के पक्के हैं।
दुष्ट छली जन इन्हें देखकर, रहते हक्के बक्के हैं।
अपनों के खातिर जीते ये, बात यही सब कहते हैं।
कवि रूपेंद्र जी और मोनिका, सबके मन में रहते हैं।
!!२!!
जिनके पावन कर्म जगत में, खुशियों को महकाये हैं।
प्रेमभाव शुभता समता का, जो नित पाठ पढाये हैं।
रहो जन्मभर तुम खुशियों में, दूर दुखों का समर रहे।
भईया आप दोनों की जोड़ी, जग में युग तक अमर रहे।
नेह आप दोनों से पा हम प्रेमसुधा में बहते हैं।
कवि रूपेंद्र जी और मोनिका, सबके मन में रहते हैं।
!!३!!
दोनों हो आदर्श हमारे, सदविचार सुखदायक हो।
जग से दुख पीड़ा हरने को, सबके सदा सहायक हो।
सत्य-साधना दया-धर्म के, प्रेममयी शुभ मूरत हो।
भला सदा करने वालों की, जग को आज जरूरत हैं।
आप दोनों के पुण्य कर्म से, सारे कंटक ढहते हैं।
कवि रूपेंद्र जी और मोनिका, सबके मन में रहते हैं।
!!४!!
रहे सलामत जन्म आपका, लाख बरस तक संग रहो।
सबके मन मे प्रेम भरो नित, प्रेमभाव के रंग रहो।
बहुत बधाई आप दोनों को, उर अंतस से देता हूँ।
रहो मनुजता के शिखरों पर आज बलाएँ लेता हूँ।
कथा आपकी सुन जगवाले, ज्ञानसुधारस गहते हैं।
कवि रूपेंद्र जी और मोनिका, सबके मन में रहते हैं।
वैवाहिक वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में आप दोनों को बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक मंगलकामना। आप दोनों यूँ ही स्वस्थ सुखी और दीर्धायु रहते हुए लाखों वर्ष मानवता की सेवा करते रहिए।
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उमेश कुमार श्रीवास
21 – 05 – 2025