बिलासपुर। विजय दशमी यानी दशहरे के दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था इसलिए हर साल विजय दशमी के दिन रावण का पुतला जलाया जाता है। इस दिन शस्त्रों की भी पूजा की जाती है। यानी इस दिन बंदूक से लेकर तलवार, कटार, लाठी आदि शस्त्रों की पूजा की जाती है। इसी तारतम्य में पचपेडी़ थाना प्रभारी ओमप्रकाश कुर्रे,मस्तूरी थाना प्रभारी अवनीश कुमार पारसवान,चकरभाठा थाना प्रभारी रविन्द्र अनंत,कोटा थाना प्रभारी उमेश साहू अपने स्टाप के साथ विधिवत पूजा अर्चना कर थाना क्षेत्र में सुख शांति का कामना किया गया।
पुलिस वालो के लिए है ये खास दिन…..
पुलिस विभाग द्वारा भी विगत कई वर्षों से परम्परागत आज के दिन थानों में शस्त्रों का पूजन किया जाता है। उनके लिए शस्त्रों का पुजा अर्चना करने के लिए यह ख़ास दिन माना जाता है,हमारे देश में विजयादशमी के शुभ अवसर पर देवी पूजा के साथ-साथ शस्त्र पूजा की परंपरा भी कायम हैं। यह शस्त्र पूजा दशहरा के दिन ही क्यों की जाती है, इस संबंध में अनेक कथाएँ प्रचलित हैं।
शस्त्र पूजन का महत्व…..
विजय दशमी का पर्व आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन माहिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा और प्रभु श्रीराम के साथ शस्त्रो की पूजा करने से जीवन में चल रही सभी परेशानियां और कष्ट, दरिद्रता दूर होती हैं. इसके अलावा विजय दशमी के दिन शस्त्र पूजन से शोक और भय का नाश होता है।