बिलासपुर। मस्तूरी विकास खण्ड के अंतर्गत शासकीय 100 बिस्तर कन्या छात्रावास पचपेड़ी के छात्राओं द्वारा अधीक्षिका श्रीमती संगीता टंडन को हटाने एवं विभिन्न मांगों के संबंध में बिना किसी पूर्व विधिवत सूचना के आज दिनांक 09.09.2024 को पचपेड़ी मुख्य मार्ग मस्तूरी जोंधरा मार्ग को अवरूद्ध कर दिया गया। ग्रामवासियों से प्राप्त सूचना उपरांत तत्काल मौके पर तहसीलदार पचपेड़ी श्रीमती माया अंचल लहरे, विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी मस्तूरी शिव राम टंडन एवं, पुलिसबल व ग्रामवासी उपस्थित हुए। बच्चों को शांतिपूर्ण तरीके से समझाईस देकर अधीक्षिका पर आवश्यक कार्यवाही हेतु आश्वासन दिया गया। परंतु इसी बीच वहां पर भीड में उपस्थित कुछ असामाजिक तत्वों बच्चों को बीच-बीच में उकसाकर कानून व्यवस्था हाथ में लेकर तोड़ फोड़ करने एवं अशांति फैलाया जा रहा था। चूंकि बच्चे रात्रि 08/09/2024 से बिना कुछ खाये पीये धरना हेतु तेज धूप में बैठे थे। जिससे कुछ बच्चों का स्वास्थ्य प्रतिकुल प्रभाव पड़ रहा था। कुछ बच्चें बीमार पड़ रहे थे। बच्चे के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते तहसीलदार द्वारा बच्चों को समझाइस दी गई जिसमें बच्चों ने अपने जिंध अढ़ गई तो तहसीलदार ने कहा कि आप लोगों को शा कन्या स्कूल में जाना है और एक साथ बैठकर चर्चा करना है। तो बच्चों ने जी मेम कहकर हामी भरी और चक्का जाम छोड़कर स्कूल के लिए निकल पड़े़ जैसे ही स्कूल हाल में पहुंचकर तैयार हुवा तब समग्र शिक्षा ए. डी. पी. ओ. डॉ अनिल तिवारी,जनपद सदस्य धर्मेंद्र कोशले,शा कन्या शाला विकास समिति अध्यक्ष भूषण मधुकर,प्राचार्या दिनेश कुर्रे,इन सभी के सामने बच्चों ने मांग रखी 22 बिंदु पर जिससे जिला मुख्यालय से आय हुवे अधिकारी डॉ अनिल तिवारी चर्चा में करते हुए उन्होंने कहा कि आप सभी मीनू द्वारा भोजन मिले गा और आदि पर चर्चा किया गया।आपको के सभी मांग उच अधिकारी अवगत कराया जाएगा बाद तथा असामाजिक तत्वों को कानून व्यवस्था बनाये रखने एवं बच्चों को भड़काने वाले व्यक्ति को कानूनी प्रकिया का पालन करने निर्देश दिये गये। निर्देश का पालन न करने पर आवश्यक कानूनी कार्यवाही किये जाने हेतु समझाइस दी गई। तहसीलदार पचपेड़ी न्यूज पोर्टल में तथाकथित प्रसारित संशोधित एडीटेड विडियों का खण्डन करती है। है इस प्रकार की घटना नही हुई जिसमें बच्चों को धमकी दी गई है। उपरोक्त विडियो तहसीलदार की छबि धुमिल करने के लिए प्रसारित कि जा रही है। अधीक्षिका पर बच्चों द्वारा की गयी शिकायतों की जांच कर कार्यवाही हेतु उच्चाधिकारियों को इस संबंध में अवगत करा दिया गया ।