सरपंचों ने अपने अपने सुझाव दी अधिकारियों के सामने

घुमंतू मवेशियों के प्रबंधन के संबंध में ली बैठक
बिलासपुर। जिले में घुमंतू मवेशियों की बढ़ती समस्याओं और उनके समुचित प्रबंधन को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है और लगातार इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में पशु प्रबंधन की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक लेने के बाद कलेक्टर संजय अग्रवाल के दिशा-निर्देश पर जिला सीईओ संदीप अग्रवाल ने मस्तुरी ब्लाक के सत्कार भवन में अधिकारियों, सरपंचों, सचिव और कोटवारों के साथ ब्लॉक स्तरीय बैठक ली। मस्तुरी एसडीएम प्रवैश पैकरा व पशुधन विकास विभाग अतिरिक्त उप संचालक डॉ रघुवंशी भी मौजूद थे। बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य मार्ग एवं सड़कों पर घूमते मवेशियों के प्रबंधन के सम्बन्ध में समीक्षा की गई। जिला सीईओ संदीप अग्रवाल ने कहा कि मवेशियों की देखभाल के लिए स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जाए। पशु केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार हैं। अगर हम इनका सही प्रबंधन करें, तो यह क्षेत्र आत्मनिर्भरता की दिशा में और तेज़ी से आगे बढ़ सकता है। हम गांव के स्तर पर ही आपस में मिलकर ऐसी व्यस्था करें कि हमारे पशु सड़क पर न आएं। अतिरिक्त उपसंचालक पशुधन विभाग डॉ रघुवंशी ने भी मवेशियों के प्रबंधन के लिए दिशा निर्देश दिए। सरपंचों ने साझा किए अनुभव बोले -पशुधन ही हमारी असली संपत्तिबैठक में उपस्थित कई ग्राम सरपंचों ने पशु प्रबंधन को लेकर अपने सुझाव और अनुभव साझा किए। पहले हम इन्हें पशु नहीं पशुधन कहते थे। ये हमारे घर की ताकत हुआ करते थे। अब इन्हें बोझ की तरह देखा जा रहा है। जब तक गाँव में पशुओं का सम्मान नहीं लौटेगा। तब तक समाधान अधूरा रहेगा। एसडीएम प्रवैश पैकरा ने सरपंचों के सुझावों की सराहना करते हुए कहा कि हर ग्राम पंचायत को अपने स्तर पर पशु प्रबंधन कार्य योजना बनानी चाहिए। मुख्य रूप से सीईओ जे आर भगत, विकास खण्ड प्रभरी डॉ यशवंत डहरिया, एसडीओ आरईएस अमित बंजारे, डॉ पी के अग्निहोत्री,सीपत पशुधन विभाग प्रभारी डॉ आर के गुप्ता, मस्तुरी तहसीलदार श्रीमती डॉ जयंती देवांगन, कार्यक्रम अधिकारी रुचि विश्वकर्मा,बीपीएम मिथलेश देवांगन,स्वर्ण लता लकड़ा, अधिकारी कर्मचारी आदि मौजूद रहे।