
वीरागंना सुंदरी माता शौर्य दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया
बिलासपुर । सतनाम पुनर्जागरण संगठन बिलासपुर छत्तीसगढ़ के बैनर तले 29 अप्रैल 1883 की स्मृति में प्रथम बार वीरांगना सुंदरी माता शौर्य दिवस मनाया गया। संगठन के अध्यक्ष जगतारन डहरे, उपाध्यक्ष डाॅ दुर्गा प्रसाद मेरसा, सचिव हरीश पाण्डल, कोषाध्यक्ष टेकचंद पाण्डल ने पारंपरिक वेषभूषा धारण कर सभी अतिथियों को ससम्मान मंच पर आमंत्रित किया तत्पश्चात कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे क्षेत्रीय विधायक माननीय दिलीप लहरिया जी,कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती सत्यकली बावरे नव निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य,विशिष्ट अतिथि वकील भारती, चित्र कुमार खाण्डे, नंदकुमार कश्यप, राजमहंत डाॅ हृदय प्रकाश अनंत, डाॅ गोवर्धन मार्शल,मछुवा संघ के अध्यक्ष सुखऊ राम निषाद ने दीप प्रज्जवलित कर गुरु बालकदास एवं सुंदरी माता के तस्वीर पर माल्यार्पित कर कार्यक्रम शुरुआत करने की अनुमति प्रदान किया।तत्पश्चात वीरांगना सुंदरी माता साझा-संग्रह तथा जगतारन डहरे द्वारा रचित बहु प्रतीक्षित काव्य-संग्रह चिंगारी का विमोचन किया गया।संपादक जगतारन डहरे ने बताया कि सुंदरी छत्तीसगढ़ की एक ऐसी वीरांगना थी जिसने 29 अप्रैल सन् 1883 ई. में समाज की रूढ़ीवादी और सामंतवादी ताकतों के खिलाफ ऐतिहासिक संघर्ष किया। वह एक ऐसी नारी थी जिसने अपने आत्म-स्वाभिमान और मानवाधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और पूरी इज्जत और मान सम्मान के साथ डोला -यात्रा को सफलता दिलायी।इस अवसर पर प्रदेश भर से आए हुए साहित्यकार सर्व लक्ष्मीनारायण कुंभकार “सचेत” जी ,डाॅ श्यामा कुर्रे, पी रेखा कौशिक दुर्ग भिलाई हास्य व्यंग्यकार अधिवक्ता श्री मणिशंकर दिवाकर’ ”गदगद’,मोहन दास बंजारे,रामाधार चेलक,मनोज कुमार मनहरे,कमल जाँगड़े, गणेश महंत ‘नवलपुरिहा’बेमेतरा वरिष्ठ छंदकार इंजीनियर गजानंद पात्रे ‘सत्यबोध’ मुंगेली, डाॅ मनिहार सिंह निराला,पुष्पा गबेल शक्ति, श्रीमती संतोषी डनसेना ‘रूही’ जशपुर,आदित्य बर्मन रायपुर अनिल जाँगड़े, श्रीमती कृष्णा मानसी मेरसा, दशरथ मतवाले, बूंद राम जाँगड़े “छत्तीसगढ़ के अगुआ बेटा”, कार्तिकपुराण, महेतरू मधुकर, दिलीप भूषण कुर्रे,प्रकाश यादव बिलासपुर सहित अनेक साहित्यकार ने अपनी उत्कृष्ट रचनाओं से सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागी कवियों को प्रमाण-पत्र व शिल्ड भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे दिलीप लहरिया विधायक मस्तूरी,मुख्य अतिथि श्रीमती सत्यकली बावरे नव निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य एवं सभी विशिष्ट अतिथियों ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार का ऐतिहासिक कार्यक्रम हमेशा होते रहना चाहिए। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में राजमहंत लखन टण्डन, रामगोपाल टण्डन, चंदराम बर्मन, काशीराम सुमन, जवाहर कोशले, बलीराम भास्कर, सुक प्रसाद कुर्रे, रामरतन धृतलहरे, अरूण टण्डन, बलराम सिंह टण्डन, भागवत बंजारे, खुशहाल चंद च्येलिक,धीरेन्द्र सत्यवेदी,जगदीश कुर्रे,हर प्रसाद जाँगड़े,व्याख्याता सानुज सोनी, बसंत चंद्रसेन, सुमरन जाँगड़े,हिमेश डहरिया,प्रमोद डहरिया,सुमेर सिंह, राजेश्वरी निराला, समुंद, रामनारायण बंशी, रमाशंकर पटवर्धन सहित अनेक श्रोतागण उपस्थित रहे।इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का सभी लोगों ने भूरी-भूरी प्रशंसा किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सेंट पाॅल कान्वेंट स्कूल के संचालक दिलीप भार्गव,क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों एवं बकरकुदा वासियों का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ साहित्यकार सेवानिवृत्त प्रधान पाठक भरत मस्तुरिहा ने तथा आभार प्रदर्शन प्रोफेसर मंगल चंद निराला जी ने किया।